नमस्कार दोस्तों आप लोगो का स्वागत है एक बार फिर से हमारे ब्लॉग नेटफिक्स में | आज हम बात करेंगे बच्चो को मोबाइल फ़ोन देने के 7 नुकसानों के बारे में |
दोस्तों आज के समय में कई पेरेंट्स अपने बच्चो को मोबाइल फ़ोन या टेबलेट्स बिना सोचे समझे थमा देते है, कई बार यह बच्चो की जिद्द की वजह से होता है, कई बार यह पेरेंट्स की मजबूरी होती है तो कई बार यह उनकी लापरवाही के कारण होता है | पर अगर हम बात करे 12 साल से छोटे बच्चो की तो उनके लिए मोबाइल फ़ोन बहुत ही ज्यादा खतरनाक चीज़ है वह भी तब जब उनको इसकी आदत लग गयी हो | तो आज की आर्टिकल मैं आपको बच्चो को मोबाइल फ़ोन देने से होने वाले 7 नुकसानों के बारे में बताने जा रहा हूँ जिन्हें देखकर आपको सँभालने की जरुरत है | इस आर्टिकल को अंत तक देखिएगा और अगर आपको लगता है कि आपके बच्चे में मोबाइल फ़ोन देने के कारण इनके अलावा किसी और तरह की भी दिक्कत हो रही है तो नीचे कमेंट सेक्शन में हमे जरुर बताइये |
1. एकाग्रता यानी कि Concentration में कमी

छोटे बच्चे अगर मोबाइल ज्यादा use करते है तो सबसे ज्यादा उनकी जिस चीज़ को नुकसान पहुचता है वो है उनकी एकाग्रता यानी कि Concentration Power. TV देखने से तक से बच्चे इतने ज्यादा distract नहीं होते जितने वह मोबाइल देखने से होते है क्योंकि टीवी में फिर भी बच्चे एक बार में एक ही कार्टून या एक ही तरह का प्रोग्राम देखते है जबकि मोबाइल में वो अगर youtube पर चले गए तो न जाने कितने तरह के अलग अलग Videos देखने लगते है जिससे उनकी कंसंट्रेशन पॉवर बहुत वीक हो जाती है क्योंकि अब उनका ध्यान एक चीज़ पर न होकर एक ही समय में बहुत सारी चीजों पर चला जाता है | और आप इसका सीधा सा असर उनकी पढ़ाई पर देख सकते है, आप नोटिस करेंगे कि उन्हें अब पढ़ाई से related चीजों को याद करने में मुश्किल होती है क्योंकि उनके दिमाग ने किसी भी एक चीज़ पर concentrate करने की आदत छोड़ दी है |
2. आँखों पर दबाव

चूंकि मोबाइल की स्क्रीन टीवी के मुकाबले बहुत ज्यादा छोटी होती है इसलिए अक्सर बच्चे उसे अपनी आँखों के बहुत पास लाकर देखना पसंद करते है जिससे उनकी आँखों पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है | इसलिए आप देख रहे है कि आजकल बहुत कम उम्र के बच्चो को चश्मा लगना काफी आम बात हो गया है | यदि आप चाहते है कि आपके बच्चे की आँखें सही सलामत रहे और उसे कम age में चश्मा न लगे तो उसे कभी भी मोबाइल बहुत पास से देखने के लिए न दे | याद रहे आपके बच्चे और और मोबाइल के बीच कम से कम 5 फीट की दूरी जरुर होनी चाहिए |
3. शारीरिक विकास में कमी

यह बहुत ही कॉमन सी बात ही कि जो बच्चे मोबाइल ज्यादा देखते है वो अमूमन घर से बाहर खेलने में कम रूचि दिखाते है क्योंकि उनको मोबाइल की दुनिया ही असली दुनिया लगने लगती है | मतलब ऐसे बच्चो को अगर आप्शन दिया जाए कि घर में मोबाइल फ़ोन देखना है या फिर बाहर खेलने जाना है तो वो मोबाइल पर ही कोई गेम खेलना या कार्टून देखना पसंद करेंगे | और ऐसे मोबाइल में घुसे रहने वाले बच्चो की physical activity बहुत कम होती है जिससे वह अक्सर सुस्त, मोटे और ठिंगने कद के होकर रह जाते है जो future में उनको और उनके पेरेंट्स दोनों को बहुत तकलीफ देता है |
4. नींद की कमी

दोस्तों आज के समय में लगभग बहुत सारे पेरेंट्स अपने बच्चो के मोबाइल फ़ोन के यूसेज की निगरानी तो दूर की बात है वह उल्टा उनको मोबाइल फ़ोन को उनके बेडरूम में भी इस्तेमाल करने की इजाजत दे देते है जो कि बहुत ही गलत बात है | ऐसे बच्चे रात को भी बिस्तर में लेटे लेटे मोबाइल देखते रहते है जिससे वह देर से सोते है और उनकी नींद पूरी नहीं हो पाती है जिसकी वजह से अगले दिन उनका दिमाग और शरीर दोनों ही थका हुआ महसूस करता है जिससे उनकी फिजिकल एक्टिविटी और पढ़ाई बहुत ज्यादा affect होती है |
5. आक्रमक होना

दोस्तों अगर पेरेंट्स को पता नहीं कि उनका बच्चा अपने मोबाइल में किस तरह का CONTENT देख रहा है तो समझ जाइए यह बहुत ही ज्यादा खतरनाक बात है क्योंकि मोबाइल में कई गेम्स और कार्टून्स ऐसे है जिनमे बहुत ज्यादा हिंसा यानी कि violence होती है जिन्हें देखकर या खेलकर बच्चे भी हिंसात्मक और गुस्से वाले स्वाभाव के हो जाते है | इसलिए पेरेंट्स को यह पता होना जरुरी है कि उनका बच्चा PUBG या फिर उसके जैसे कोई आक्रमक गेम्स तो नहीं खेल रहा जिससे उसका nature यानी कि स्वाभाव धीरे धीरे बदल रहा है |
6. अपनों से दूर होना

दोस्तों अगर बच्चे अपने मोबाइल को बहुत ज्यादा समय देते है तो वो धीरे धीरे अपने पेरेंट्स और अपने दोस्तों से दूर होते जाते है, मोबाइल से मिलने वाले मनोरंजन को वह अपनी दुनिया समझने लगते है और इस वजह से वह अकेले रहना ज्यादा पसंद करते है | इससे पहले कि बच्चो को मोबाइल अपना सबसे अच्छा टाइमपास और दोस्त महसूस हो यह जरुरी है कि माता पिता इस बात को समझे और अपने बच्चे को मोबाइल की लत न लगने दे |
7. रेडिएशन का खतरा

मोबाइल से निकलने वाला रेडिएशन आपके बच्चे के लिए कितना ज्यादा खतरनाक है यह समझना पेरेंट्स के लिए बहुत जरुरी है | हाल ही मैं एक रिसर्च के अनुसार यह पाया गया है कि बच्चों के मस्तिष्क के tissues बड़े लोगो की तुलना में लगभग दो गुना अधिक Microwave Radiations को absorb करते हैं | एक और research ने बताया है कि बच्चों का अस्थि मज्जा यानी कि Bone Marrow वयस्कों की तुलना में दस गुना अधिक Microwave Radiations को absorb करता है। माता पिता के लिए यह जरुरी है कि वह जितना हो सके अपने बच्चो से मोबाइल फ़ोन को दूर ही रखे |
तो दोस्तों आज के विडियो में हमने देखा कि मोबाइल फ़ोन हमारे बच्चो के लिए कितना ज्यादा हानिकारक है और हम अगर इन खतरों को धयान में रखे तो अपने बच्चो को मोबाइल फ़ोन से होने वाले नुकसान से बचा सकते है | इसलिए जितना हो सके अपने बच्चो को मोबाइल ना दे और इसके बजाय आप उन्हें किताबे पढने को दे, उनके साथ समय बिताये और उन्हें पार्क में खेलने के लिए लेकर जाए ताकि उनका शारीरिक और मानसिक विकास हो सके |
आपको यह आर्टिकल कैसा लगा हमे जरुर बताये और अपने किसी ख़ास दोस्त या रिलेटिव के साथ यह आर्टिकल जरुर शेयर करे | हम लोग दुबारा मिलेंगे एक और नए आर्टिकल के साथ और सीखेंगे कि टेक्नोलॉजी को सही तरीके से अपने फायदे के लिए कैसे यूज़ करना है | तब तक के लिए गुड बाय टेक केयर, stay focussed |