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दोस्तों आज की जनरेशन में हर किसी के पास मोबाइल है, अधिकतर पेरेंट्स दिन भर मोबाइल में सर्फिंग करते रहते है और उनके बच्चे यह देखकर कभी न कभी मोबाइल फ़ोन के प्रति आकर्षित हो ही जाते है | उनका भी मन करता है कि उनके पास उनका एक पर्सनल मोबाइल हो जिसे वो अपने हिसाब से ऑपरेट कर सके | वैसे बच्चो को मोबाइल फ़ोन देना दो धारी तलवार के सामान है, क्योंकि जहाँ इसके अपने नुकसान है वही इसके कुछ फायदे भी है |
कई बार पेरेंट्स अपने बच्चो को बहुत कम उम्र में मोबाइल फ़ोन पकड़ा देते है जैसे कि सिर्फ 5 साल की उम्र में ही, बिना यह सोचे समझे कि उसको इसकी जरुरत भी है या नहीं जिससे बच्चे मोबाइल को गलत तरीके से इस्तेमाल करते है और अक्सर गलतिया कर बैठते है जैसे कि अपनी आखों की रौशनी कमज़ोर कर लेना या फिर पढ़ाई में से ध्यान हटाकर मोबाइल पर ही पूरी तरह से ध्यान केन्द्रित कर लेना और इन्ही सब वजहों से कई पेरेंट्स अपने बच्चो को मोबाइल फ़ोन तब भी नहीं देते जब वाकई में उसकी उनके बच्चो को जरुरत होती है |
जो आज के इस आर्टिकल में हम आपको यह बता रहे है कि अगर आप अपने बच्चे को मोबाइल फ़ोन देते है तो उसके क्या-क्या फायदे हो सकते है पर उसके साथ साथ आपको किस तरह की सावधानियाँ बरतनी चाहिए |
1. आपके बच्चे का सोशल इंटरेक्शन (Social Interaction) बड़ता है

दोस्तों कई बार आपके बच्चे को उसके स्वाभाव की वजह से रियल लाइफ में दोस्त बनाने में दिक्कत आती है मसलन वो बाकी बच्चो से आमने-सामने अपनी बात नहीं कह पाता है, तो वह सोशल नेटवर्किंग साइट्स जैसे कि फेसबुक, ट्विटर आदि के जरिये अपने लिए दोस्त बना सकता है, ऐसा करने से उसका सोशल नेटवर्क बड़ता है और उसमे थोड़ा बहुत कॉन्फिडेंस आता है | पर यहाँ पर पेरेंट्स को यह ध्यान रखने की बहुत जरुरत है कि आपका बच्चा सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर किसी गलत इंसान के साथ तो दोस्ती नहीं कर रहा है | उसे समय समय पर सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर अच्छे और बुरे के बीच का भेद बताना माँ-बाप का ही कर्तव्य है | इसलिए अपने बच्चे को मोबाइल फ़ोन दे पर साथ ही साथ उसकी सोशल नेटवर्किंग साइट्स की एक्टिविटीज पर भी पूरी नज़र रखे |
2. सेफ्टी और सिक्यूरिटी

दोस्तों मोबाइल फ़ोन कई बार आपके बच्चे के लिए सेफ्टी और सिक्यूरिटी का भी काम करता है | जैसे कि आपका बच्चा अगर ट्यूशन पढ़ने या फिर कोचिंग लेने के लिए घर से दूर जाता है तो अक्सर माँ बाप को उसके बारे में चिंता हो ही जाती है पर अगर उसके पास मोबाइल फ़ोन है तो आप फ़ोन पर उससे उसकी लोकेशन और उसके बारे में अपडेट ले सकते है | इससे आपका और बच्चे दोनों का कॉन्फिडेंस बड़ता है | आप उसके स्मार्टफोन में कुछ सिक्यूरिटी ऐप्स भी डाउनलोड कर सकते है जिससे आपको यह पता चल जाता है कि इस वक़्त आपका बच्चा कहाँ पर है | पर हाँ आपको बच्चे को मोबाइल फ़ोन देने के साथ साथ यह भी बताना पड़ेगा कि वह इसे रास्ते में चलते वक़्त या फिर पढ़ाई के वक़्त बेकार में इस्तेमाल नहीं करेगा |
3. बच्चा टेक्नोलॉजी सीखता है

दोस्तों आने वाला समय टेक्नोलॉजी का ही है| हमारे डेली रूटीन में कई तरह के एप्स हमारी कई तरीके से मदद करते है | चाहे हमे अपने लिए टैक्सी बुक करनी हो, खाना आर्डर करना हो या फिर कोई पार्सल एक जगह से दूसरी जगह भेजना या मंगवाना हो | और यह बात भी सच है कि बच्चे बड़ो के मुकाबले इन एप्स को जल्दी सीखते है जिससे अक्सर घर के सदस्यों को जिनमे बुजुर्ग लोग भी शामिल है इसका फायदा भी होता है | तो अगर आपके बच्चे के पास मोबाइल फ़ोन होगा तो वो नयी-नयी टेक्नोलॉजी जल्दी सीख लेगा, वरना तो उसकी उम्र के बाकी बच्चे जिनके पास मोबाइल होता है वह टेक्नोलॉजी सीखने के मामले में उनसे पीछे रह जाएगा और उसका कॉन्फिडेंस लेवल कम हो सकता है | पर यहाँ पर पेरेंट्स को यह बात भी समझनी होगी कि टेक्नोलॉजी सीखने के चक्कर में कही आपका बच्चा बेमतलब के एप्स तो डाउनलोड नहीं कर रहा जिससे वह कुछ नया सीखने के बजाये डेली रूटीन में distract हो रहा है |
4. एजुकेशनल सपोर्ट

दोस्तों आजकल पढ़ाई का बोझ बहुत ज्यादा हो गया है और मोबाइल फ़ोन अक्सर बच्चो को इसमें मदद करता है | तो अगर आपके बच्चे को पढ़ाई से रिलेटेड कोई भी प्रॉब्लम आ रही है तो मोबाइल फ़ोन इसमें उसकी काफी हद तक मदद कर सकता है | पर अगर सच कहू तो बहुत बार बच्चे मोबाइल फ़ोन में पढ़ाई से रिलेटेड टॉपिक्स सर्च करने के साथ साथ बेकार की सर्फिंग करने लगते है जिसकी वजह से उनकी पढ़ाई तो प्रभावित होती ही है और साथ में उनका ध्यान धीरे-धीरे पढ़ाई से दूर भी होने लगता है जो कि उनके फ्यूचर के लिए बहुत ही खतरनाक चीज़ है | इसलिए जितना हो सके, अगर बच्चा घर में है तो पेरेंट्स को अपने बच्चे को पढ़ाई के वक्त मोबाइल फ़ोन देते समय उसपर पूरी-पूरी नज़र भी रखनी चाहिए |
आर्टिकल के अंत में मैं यही कहूँगा कि बच्चे को मोबाइल देने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो उसको सही समय पर और सही तरीके से ही इस्तेमाल करे | उसका मोबाइल टाइम और ब्राउज़िंग हिस्ट्री दोनों पर पेरेंट्स का पूरा पूरा ध्यान होना चाहिए वरना आपकी जरा सी भी लापरवाही कल को आपके बच्चे को मोबाइल फ़ोन से मिलने वाले फायदे के बजाये उसे मोबाइल एडिक्शन की दुनिया में धकेल सकती है |
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हम दुबारा मिलेंगे एक और informative आर्टिकल साथ और सीखेंगे कि technology को सही तरीके से अपने फायदे के लिए कैसे इस्तेमाल करना है।
तब तक के लिए Good Bye, Take Care और Stay Focused ।